歌詞

कहता है, "है ज़िंदगी तू" क्यूँ मुझमें फिर मिलता नहीं? देता है ऐसा सफ़र क्यूँ हैं मंज़िलें जिनकी नहीं? कह दे, ख़ुदा, है कैसा ख़ुदा तू? जो बस में तेरे कुछ नहीं हाँ, कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं जितना तलाशूँ, तू मिलता नहीं ये फ़ितरत तेरी, तू बदलता नहीं जितना तलाशूँ, तू मिलता नहीं ये फ़ितरत तेरी, तू बदलता नहीं तू बता ऐसे क्यूँ तेरी मर्ज़ी चलाता है तू? जीते-जी यूँ जलाता है तू इश्क़ में जीने ना दे तू और मरने भी देता नहीं कहता है, "है हमसफ़र तू" फिर साथ क्यूँ देता नहीं? क्या है ख़फ़ा या है बेवफ़ा तू? जो सुनता मेरी कुछ नहीं हाँ, कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं कह दे, ख़ुदा, है कैसा ख़ुदा तू? जो बस में तेरे कुछ नहीं हाँ, कोई तो वजह होगी जो यूँ है मजबूर तू भी कहीं
Writer(s): Chirantan Bhatt, Manoj Yadav Lyrics powered by www.musixmatch.com
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