クレジット
PERFORMING ARTISTS
Mohd. Rafi
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Naushad
Composer
Shakeel Badayuni
Songwriter
歌詞
सदक़ा उतरिए कि लगे ना कहीं नज़र
सेहरे में आज फूल सा मुखड़ा है जलवागर
चेहरे से अपने आज तो पर्दा उठाइए
चेहरे से अपने आज तो पर्दा उठाइए
लिल्लाह, मुझको चाँद सी सूरत दिखाइए
जन्नत है ये मक़ाम दर-ए-यार है ये घर
जन्नत है ये मक़ाम दर-ए-यार है ये घर
दिल कह रहा है आज यहीं सर झुकाइए
चेहरे से अपने आज तो पर्दा उठाइए
उठिए ख़ुदा के वास्ते...
उठिए ख़ुदा के वास्ते, लग जाइए गले
रस्मों, रिवाज, शर्म-ओ-हया, सब हटाइए
चेहरे से अपने आज तो पर्दा उठाइए
लिल्लाह, मुझको चाँद सी सूरत दिखाइए
ये क्या कि हम ही बढ़ते रहे आपकी तरफ़
थोड़ी सी दूर आप भी तशरीफ़ लाइए
थोड़ी सी दूर आप भी तशरीफ़ लाइए
चेहरे से अपने आज तो पर्दा उठाइए
Written by: Naushad, Shakeel Badayuni

