가사
मय-कदे की गली में जाना छोड़ दिया
जब से देखा उसे, शीशे के जाम तोड़ दिया (वाह! वाह! वाह!)
जो जाम से पीता हूँ...
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
उतर जाती है, उतर जाती है
उतर जाती है, उतर जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
उतर जाती है, उतर जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
छन-छननन, छन-छन
छन-छननन, छन-छन
छन-छननन, छन-छन
छन-छननन, छन-छन
मस्ताना यार, तौबा, हँसती बहार, तौबा
वो चुपके वार, तौबा, नज़रों की मार, तौबा
छाए ख़ुमार, तौबा, आए क़रार, तौबा
दिल जाए हार, तौबा, हो जाए प्यार, तौबा
ना पूछ, यार, मोहब्बत का नशा कैसा है
कोई दिन-रात ख़यालों में बसा रहता है
बड़ी हसीन इस में शाम-ओ-सहर होती है
ना दर्द-ओ-ग़म की, ना दुनिया की ख़बर होती है
ये बेख़ुदी तो ज़िंदगी महकाती है
महकाती है, महकाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
Hmm, ज़ुल्फ़ों की बदलियों में, रातों में है नशा (नशा)
महबूब की अदा में, बातों में है नशा (नशा)
दिलदार की शराबी आँखों में है नशा
होंठों की सुर्ख़ियों में, साँसों में है नशा
गुलाबी नर्म से होंठों को चूम के देखो
किसी की मद-भरी बाँहों में झूम के देखो
दीवाने, प्यार का ऐसा सुरूर छाएगा
तुझे ज़मीं पे भी जन्नत का मज़ा आएगा
ये मय-कशी तो आशिक़ी सिखलाती है
सिखलाती है, सिखलाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
चढ़ जाती है, चढ़ जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
जो जाम से पीता हूँ, उतर जाती है
उतर जाती है, उतर जाती है
उतर जाती है, उतर जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
जो आँख से पीता हूँ तो चढ़ जाती है
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
छन-छननन, छनन-छन
Written by: Nadeem - Shravan, Sameer