가사

गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया गुंचा कोई... तुम जैसा कोई नहीं इस जहान में तुम जैसा कोई नहीं इस जहान में सुबह को तेरी ज़ुल्फ़ ने शाम कर दिया सुबह को तेरी ज़ुल्फ़ ने शाम कर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया गुंचा कोई... महफ़िल में बार-बार इधर देखा किये महफ़िल में बार-बार इधर देखा किये आँखों के जज़ीरों को मेरे नाम कर दिया आँखों के जज़ीरों को मेरे नाम कर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया गुंचा कोई... होश बेख़बर से हुए उनके बग़ैर, हाए होश बेख़बर से हुए उनके बग़ैर वो जो हमसे कह ना सके, दिल ने कह दिया वो जो हमसे कह न सके, दिल ने कह दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया साक़ी ने फिर से मेरा जाम भर दिया गुंचा कोई मेरे नाम कर दिया
Writer(s): Mohit Chauhan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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