Podobne Utwory
Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Nitin Mukesh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant-Pyarelal
Composer
Javed Akhtar
Lyrics
Tekst Utworu
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
सो गईं हैं सारी मंज़िलें, ओ, सारी मंज़िलें
सो गया है रस्ता
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
सो गईं हैं सारी मंज़िलें, ओ, सारी मंज़िलें
सो गया है रस्ता
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
रात आई तो वो जिनके घर थे वो घर को गए सो गए
रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले राहों में और खो गए
रात आई तो वो जिनके घर थे वो घर को गए सो गए
रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले राहों में और खो गए
इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर
जाएँ भी तो कहा जाना चाहें अगर?
हो, सो गईं हैं सारी मंज़िलें, ओ, सारी मंज़िलें
सो गया है रस्ता
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
कुछ मेरी सुनो, कुछ अपनी कहो
हो पास तो ऐसे चुप ना रहो
हम पास भी हैं और दूर भी हैं
आज़ाद भी हैं, मजबूर भी हैं
क्यूँ प्यार का मौसम बीत गया?
क्यूँ हमसे ज़माना जीत गया?
हर घड़ी मेरा दिल ग़म के घेरे में है
ज़िंदगी दूर तक अब अँधेरे में है
अँधेरे में है, अँधेरे में है
हो, सो गईं हैं सारी मंज़िलें, ओ, सारी मंज़िलें
सो गया है रस्ता
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
सो गया ये जहाँ, सो गया आसमाँ
Writer(s): Javed Akhtar, Shabbir Ahmed, Laxmikant Kudalkar, Pyarelal Ramprasad Sharma, Raaj Aashoo
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