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रज के रुलाया, रज के हँसाया मैंने दिल खो के इश्क़ कमाया माँगा जो उसने एक सितारा हमने ज़मीं पे चाँद बुलाया जो आँखों से, हाय वो जो आँखों से पल-भर ना ओझल हुए वो जो आँखों से पल-भर ना ओझल हुए लापता हो गए देखते-देखते सोचता हूँ... सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते वो जो कहते थे, "बिछड़ेंगे ना हम कभी" वो जो कहते थे, "बिछड़ेंगे ना हम कभी" अलविदा हो गए देखते-देखते सोचता हूँ... एक मैं, एक वो और शामें कई चाँद रोशन थे तब आसमाँ में कई एक मैं, एक वो और शामें कई चाँद रोशन थे तब आसमाँ में कई यारियों का वो दरिया उतर भी गया और हाथों में बस रेत ही रह गई कोई पूछे कि, हाय कोई पूछे कि हम से ख़ता क्या हुई क्यूँ ख़फ़ा हो गए देखते-देखते? आते-जाते थे जो साँस बन के कभी आते-जाते थे जो साँस बन के कभी वो हवा हो गए देखते-देखते वो हवा हो गए... वो हवा हो गए देखते-देखते अलविदा हो गए देखते-देखते लापता हो गए देखते-देखते क्या से क्या हो गए देखते-देखते (हो) जीने-मरने की हम थे वजह और हम ही जीने-मरने की हम थे वजह और हम ही बेवजह हो गए देखते-देखते सोचता हूँ... सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे क्या से क्या हो गए देखते-देखते क्या से क्या हो गए देखते-देखते क्या से क्या हो गए, ओ
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Manoj Muntashir Shukla, Rochak Kohli Lyrics powered by www.musixmatch.com
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