Letra

तू ना जाने मैं कहाँ (ना जाने मैं कहाँ) हूँ मैं तो तुझमें रवाँ (तो तुझमें रवाँ) कैसे खुद ख़ुद को रोकूँ? एक ही रास्ता हाँ, ये दिखने लगा (ये दिखने लगा) रही ना तुझमें बफ़ा (ना तुझमें बफ़ा) जरा खुद को रोको, दे थोडा आश्रा तेरा शर आँखो पर, फ़रमान, हम-सफ़र छिनो ना मुझसे, सारा मेरा तुम जहाँ हाँ, पछताऊँ पर कच्चा मगर ये घर ना कर तू दरगुज़र, उलफ़त, मेरी ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा? ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा? Ooh, तू कौन, क्यूँ, कैसे, कहाँ से आगई मेरे जहाँ में? नब्ज़ मेरी तू चलाए आँखो को ठंडा कराए दुनिया ये ज़ालिम ना सुनना सूरत नहीं, सीरत में घुमना हक बात कड़ भी लगे तो घैरों के साथ ही चलना तेरा शर आँखो पर, फ़रमान, हम-सफ़र छिनो ना मुझसे, सारा मेरा तुम जहाँ हाँ, पछताऊँ पर कच्चा मगर ये घर ना कर तू दरगुज़र, उलफ़त, मेरी ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा? ओ, ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा? तेरा पीछा कब से मैं ने किया (ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा) मेरा जिना तुझ से ही है, पिया (ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा) तेरा पीछा कब से मैं ने किया (ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा) मेरा जिना तुझ से ही है, पिया (ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा, ज़ालिमा, ओ, ज़ालिमा) तेरा शर आँखो पर, फ़रमान, हम-सफ़र छिनो ना मुझसे, सारा मेरा तुम जहाँ हाँ, पछताऊँ पर कच्चा मगर ये घर ना कर तू दरगुज़र, उलफ़त, मेरी ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा? ओ, ज़ालिमा ओ, ज़ालिमा क्यूँ बदगुमाँ, ज़ालिमा?
Writer(s): Abdul Hannan, Hasan Raheem Lyrics powered by www.musixmatch.com
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