Credits
PERFORMING ARTISTS
Laxmikant-Pyarelal
Performer
Kishore Kumar
Performer
Amitabh Bachchan
Actor
COMPOSITION & LYRICS
Laxmikant Kudalkar
Composer
Pyarelal Sharma
Composer
Anand Bakshi
Lyrics
Lyrics
अभिमन्यू
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
संभल सके तो संभल
निकल सके तो निकल
दुश्मनों के जाल से
दोस्तों की चाल से
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
अभिमन्यू, अभिमन्यू, अभिमन्यू, अभिमन्यू
ये खुदगर्ज़ दरिंदे हैं
इनको कुछ एहसास नहीं
ये खुदगर्ज़ दरिंदे हैं
इनको कुछ एहसास नहीं
अक्षकों से बुझने वाली
इनके दिल की प्यास नहीं
ये पियेंगे तेरा लहू, तेरा लहू
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
भूल-भुलइयों के जैसी तेरे गिर्द लकीरें हैं
भूल-भुलइयों के जैसी तेरे गिर्द लकीरें हैं
खोटों पर है पहरे, तो पैरों में ज़ंजीरें हैं
मुश्किलें खड़ी हैं चार सू, चार सू
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
ओ भोले-भाले पंछी ऐसे-कैसे छूटेगा
ओ भोले-भाले पंछी ऐसे-कैसे छूटेगा
सर टकरा ले, कुछ कर ले
ये पिंजरा ना टूटेगा
उड़ने की ना कर तू आरज़ू, आरज़ू
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
संभल सके तो संभल
निकल सके तो निकल
दुश्मनों के जाल से
दोस्तों की चाल से
अभिमन्यू, चक्रव्यूह में फँस गया है तू
चक्रव्यूह में फँस गया है तू
अभिमन्यू, अभिमन्यू, अभिमन्यू, अभिमन्यू
Written by: Anand Bakshi, Laxmikant Kudalkar, Pyarelal Sharma

