Lyrics

यारा, ओ यारा तुझसे मिला मुझे जीने का इशारा तूने मेरी सहनी सी हस्ती को उभारा सुन मेरी जान तुझपे क़ुरबान मेरी हर साँस पे हैं तेरा एहसान कैसे जाएगा उतारा साहिबा, ओ साहिबा तुझ सा नहीं कोई दुनिया में प्यारा तू ही मेरी मंज़िल, तू ही सहारा दिल के मेहमाँ, कहा मेरा मान तेरे चले जाने से जाने लगी जान जल्दी आना तू दोबारा, साहिबा पहन लिया मैंने तेरे प्यार का गहना पहन लिया मैंने तेरे प्यार का गहना मुश्किल हैं अब तेरे बिन रहना नैनों से कह दे दिन-रात ना बहना नैनों से कह दे दिन-रात ना बहना प्रीत में पड़ता हैं बिरहा भी सहना साहिबा, ओ साहिबा कल क्या होगा कुछ ना बिचारा सौप दिया मैंने तुझे रूप ये कुँवारा दिल के मेहमाँ, कहा मेरा मान तेरे चले जाने से जाने लगी जान जल्दी आना तू दोबारा, साहिबा लगे रहे पहरे, टूटी ना ज़ंजीरें लगे रहे पहरे, टूटी ना ज़ंजीरें कर-कर हारा मैं तो सब तदबीरे ना जाने चाहत की कैसी हैं तक़दीरें ना जाने चाहत की कैसी हैं तक़दीरें बिछड़ती आयी सदा राँझों से हीरे यारा, ओ यारा मैं सागर, तू नदियाँ की धारा हो के रहेगा मिलन हमारा सुन मेरी जान तुझपे क़ुरबान मेरी हर साँस पे हैं तेरा एहसान कैसे जाएगा उतारा साहिबा, ओ साहिबा तुझ सा नहीं कोई दुनिया में प्यारा तू ही मेरी मंज़िल, तू ही सहारा दिल के मेहमाँ, कहा मेरा मान तेरे चले जाने से जाने लगी जान जल्दी आना तू दोबारा साहिबा, यारा साहिबा, यारा
Writer(s): Ravindra Jain Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out