Lyrics

तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो मेरी वफ़ाई का कैसा सिला दिया एक ही तो दिल था, क्यूँ उसको तबाह किया? क्या थी तेरी मजबूरी दे गई जो यूँ दूरी? जो गई तू छोड़ के यूँ मेरी ज़िंदगी अधूरी दवाओं से मेरे ना ज़ख्म भरेंगे दवाओं से मेरे ना ज़ख्म भरेंगे कभी चोट दिल पे यूँ खाकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आकर तो देखो तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे तड़पने पे मेरे ना फिर तुम हँसोगे कभी दिल किसी से लगाकर तो देखो
Writer(s): Siddharth Slathia Lyrics powered by www.musixmatch.com
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