Credits
PERFORMING ARTISTS
Rahul Jain
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Rahul Jain
Composer
Lyrics
अभी-अभी भूले भी ना थे तुम्हें
ख़याल बन के फिर तुम आ गए
अहसास जो थे दिल में कहीं अनकहे
लफ़्ज़ों पे वो फ़िर यूँ आ गए
साँसों की सरज़मी पर बरसात ला गए
एक झपकी में तेरे १०० ख़ाब आ गए
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
टूट के बिखरा पड़ा हूँ, साँस लेना भी है सज़ा
जीने में अब क्या रखा है? मर रहा १०० दफ़ा
कैसी ये साज़िशें? रूठी हैं रंजिशें
लेती हैं करवटें ज़िंदगी
अब किस मोड़ पर आ के रुका हूँ मैं?
ना कोई राह है, ना पता
साँसों की सरज़मी पर बरसात ला गए
एक झपकी में तेरे १०० ख़ाब आ गए
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
है अलग ये बात, फिर भी तू मेरा ना कभी हुआ
फिर भी मैंने तुझ को अपने दिल में दी है जगह
तू मेरा ना हुआ, अब ये यक़ीं हुआ
क्या थी मेरी ख़ता तू बता
जाऊँ कहाँ मैं अब? मंज़िल का ना पता
ठहरा हूँ इस क़दर तुझ में, हाँ
साँसों की सरज़मी पर बरसात ला गए
एक झपकी में तेरे १०० ख़ाब आ गए
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
बेपनाह, बेपनाह प्यार है तुम से
Written by: Amit Lakhani, Rahul Jain