Lyrics
साँसों में बड़ी बेक़रारी
आँखों में कई रत जगे
कहीं कभी लग जाए दिल
तो कहीं फ़िर दिल ना लगे
अपने दिल में ज़रा थाम लूँ
जादू का मैं इसे नाम दूँ
जादू कर रहा है...
जादू कर रहा है असर चुपके-चुपके
हो, दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके
ऐसे भोले बनकर हैं बैठे
जैसे कोई बात नहीं
सब कुछ नज़र आ रहा है
दिन है ये, रात नहीं
क्या है कुछ भी नहीं है अगर
होंठों पे है खामोशी मगर
बातें कर रही है...
बातें कर रही है नज़र चुपके-चुपके
हो, दो दिल मिल रहे हैं, मगर चुपके-चुपके
सब को हो रही है...
हाँ, सब को हो रही है ख़बर चुपके-चुपके
Writer(s): Anand Bakshi, Shravan Rathod, Nadeem Saifi
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