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हे त्रिलोकीनाथ, महादेव शिव शंकरा नाथों के नाथ, महादेव शिव शंकरा (ॐ) भीड़ में, सुनसान में साक्षात् शंभूनाथ ॐ की गूँजार में, ओंकार में शिव नाथ दृश्य या अदृश्य हर पुकार में हर-हर शून्य-शिखर, सूक्ष्म-वृहद हर-हर भोले नाथ (ॐ) देवों के देव, हे महादेव विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव देवों के देव, हे महादेव परमेश्वरा हे शंभू एकमेव भक्ति, ज्ञान, ध्यान, योग, मनन जाप में कष्ट, विपद, जटिल, कुटिल, तपन ताप में यक्ष, दक्ष, देव, गंधर्वों के राग में नहीं में भी हाँ-हाँ, शिव पर प्रताप में दसों दिशाओं, नौओं खंड आठ पहर हर-हर-हर देवों के देव, हे महादेव विहंगम जंगम हे शंभू एकमेव देवों के देव, हे महादेव विश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेव देवों के देव, हे महादेव परमेश्वरा हे शंभू एकमेव
Writer(s): Kailash Kher Lyrics powered by www.musixmatch.com
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