Lyrics

अँधेरे का ये जाल है या साँझ की चाल ही आईना बेकार है मैं कौन हूँ ये राज़ है ये ज़ुल्फों का अंधेरा जो छा गया, मैं खो गया तू रोशनी, तू साज़ है तू कौन है ये राज़ है अभी तो शाम बाकी है और रात राज़ी है अभी तो बातें बाकी है और रात राज़ी है चारों और आग है या तारों का ये बाग है महफ़िल ज़रूर खास है मैं कौन हूँ ये राज़ है ये ख्वाहिशों की रात है तेरा गुरूर माफ है चाँद को भी नाज़ है तू कौन है ये राज़ है अभी तो शाम बाकी है और रात राज़ी है अभी तो बातें बाकी है और रात राज़ी है और रात राज़ी है होता है जो होने दो ये रोको न मुझे खोने दो जो होता है वो होने दो ये रोको न मुझे खोने दो यहाँ
Writer(s): Prateek Kuhad Lyrics powered by www.musixmatch.com
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