Lyrics

दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय कीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे है कब से मुड़ी तुम्हारे नज़ाकत ये उसपे इशारे यूँ ही नाज़ उठाएँ और बाहों में जाएँ इनायत यही बस कीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे ढाई आँखर प्रीत का है जो अतर में लिपटा, महका-महका तुम सा हो कोई या मुझ सा दीवाना हर दिल घरोंदे में जादू सा चहका यूँ ही मुस्कुराए, हर पल जिये जाएँ ये सोहम सी ज़हमत तो कीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे याद वो किस्सा, ऐसी कहानी रुकती ना जिसकी सदियों रवानी दर हो, घर हो, जीवन सफ़र हो हर शैन मिलती इसकी निशानी ये लम्हे हाय, यादों के साए तोहफ़े मोहब्बत के लीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे है कब से मुड़ी तुम्हारे नज़ाकत ये उसपे इशारे यूँ ही नाज़ उठाएँ और बाहों में जाएँ इनायत यही बस कीजे दिलकश सज़ा ये दीजे जुर्मी हँसी हाय, कीजे
Writer(s): Shellee, Siddhartha Khosla Lyrics powered by www.musixmatch.com
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