積分
演出藝人
Annural Khalid
演出者
詞曲
Naveed Nashad
作曲家
Qamar Nashad
詞曲創作
歌詞
वो अब मेरा ना लगे
मुझे बुरा ना लगे
उठाऊँ हाथ जो दुआ दे
मुझे दुआ ना लगे
दिल-ए-नादान मुझे ले चल
किसी ठिकाने पर
उसी में गुम रहू लेकिन
उससे पता ना चले
उससे पता ना चले
आंखें मूंदे तेरे पीछे
हम यूँही चलते रहे
फिर भी तुम नहीं थे अपने
खौफ ये पलते रहे
ना भरोसा है किसी पर
अब ज़माने में
नहीं है आसमान सर पर
और ये पाओं जले
उससे पता ना चले
मैं ना जानू कब रुकेगी
ज़ुल्म की ये इंतहा
मैं ना मरेयम के हूं जैसी
फिर भी तो सब कुछ सहा
है फ़रेबी इश्क तेरा
मेरे अफ़साने में
ग़मों का काफ़िला संग हैं
और ये लब हैं सिले
उससे पता ना चले
Written by: Naveed Nashad, Qamar Nashad

