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詞曲
Abdul Hannan
詞曲創作
Annural Khalid
詞曲創作
Chill Bazaar
詞曲創作
歌詞
शाम होते ही तुम लौट आना
लौट के फिर तुम कहीं भी ना जाना
तू है तो ये ज़िंदगी एक फ़साना
दिल में तेरे अब मेरा है ठिकाना
वो तारीफ़ें मन ना भाएँ जो भी तेरे से ना हों
तू ना होवे मेरे साथ ना कोई पल ऐसा हो
चाहे जो भी हो समान बस तुम ही दिल में रहो
कह देंगे जो भी है कहना, सुन'ने वाले तो बनो
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
तेरे होने से दिल हुआ बहारा
जो नज़र में ना तू, ना हो गुज़ारा
है तसव्वुर में तेरा मुस्कुराना
रास आए ना तेरा रूठ जाना
कब से मैं हूं बेक़रार
लिए बैठी हो जो राज़ अब मुझसे कहो
कर ले थोड़ा एतबार
कह देंगे जो भी है कहना, सुनने वाली तो बनो
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
बातें जो कही नहीं कभी हैं तुमसे
आँखों-आँखों में कह देना हमें
हो सके तो राहों में तुम मेरी आना
आ के मेरी नींदें भी तुम ही चुराना
Written by: Abdul Hannan, Annural Khalid, Chill Bazaar

