Lyrics

मुझ में तू, तू ही तू बसा नैनों में जैसे ख़्वाब सा जो तू ना हो तो पानी-पानी नैना जो तू ना हो तो मैं भी हूँगा मैं ना तुझी से मुझे सब अता, ओ-ओ मुझ में तू, तू ही तू बसा नैनों में जैसे ख़्वाब सा इश्क़ आशिक़ी में कुछ लोग छाँटता है ज़ख़्म बाँटता है, उन्हें दर्द बाँटता है तोड़ देता है ख़्वाब सारे देखते-देखते कर दे बर्बाद सा जो तू ना हो तो पानी-पानी नैना जो तू ना हो तो मैं भी हूँगा मैं ना तुझी से मुझे सब अता मुझ में तू, तू ही तू बसा नैनों में जैसे ख़्वाब सा सफ़र दो क़दम है, जिसे "इश्क़" लोग कहते मगर इश्क़ वाले सब सफ़र में ही रहते ख़त्म होता ना उम्र-भर ही इश्क़ का रास्ता है ये बेहिसाब सा जो तू ना हो तो पानी-पानी नैना जो तू ना हो तो मैं भी हूँगा मैं ना तुझी से मुझे सब अता मुझ में तू, तू ही तू बसा नैनों में जैसे ख़्वाब सा
Writer(s): M. M. Kreem, Irshad Kamil Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out