Lyrics

हसरतें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? हसरतें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? लेके बाँहों में मैं तुम्हें प्यार करता रहूँ ख़्वाहिशें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? ख़्वाहिशें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? हद से आगे गुज़र के भी अब मोहब्बत करूँ हसरतें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? लेके बाँहों में मैं तुम्हें प्यार करता रहूँ जान-ए-वफ़ा, जान-ए-जहाँ, ऐसी अदा होगी कहाँ देखा, सनम, मैंने तुम्हें, बहके मेरे क़दम आँखें मिली, पलकें झुकी, जादू जगा, साँसें रुकी ऐसे मुझे छेड़ो ना तुम, आए बड़ी शरम चाहतें हैं बहुत, मगर तुमसे है क्या कहूँ? चाहतें हैं बहुत, मगर तुमसे है क्या कहूँ? लेके बाँहों में मैं तुम्हें प्यार करता रहूँ ख़्वाहिशें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? हद से आगे गुज़र के भी अब मोहब्बत करूँ बेचैन मैं होने लगी, जाने कहाँ खोने लगी ख़ुशबू बिना महका बदन, छाने लगा नशा मैंने कहा, तुमने सुना, धड़कन बनी दिल की ज़ुबाँ तन्हा यहाँ हम जो मिले, आने लगा मज़ा आरज़ू है बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? आरज़ू है बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? हद से आगे गुज़र के भी अब मोहब्बत करूँ हसरतें हैं बहुत, मगर तुमसे मैं क्या कहूँ? लेके बाँहों में मैं तुम्हें प्यार करता रहूँ हद से आगे गुज़र के भी अब मोहब्बत करूँ लेके बाँहों में मैं तुम्हें प्यार करता रहूँ हद से आगे गुज़र के भी अब मोहब्बत करूँ
Writer(s): Sameer, Nadeem Saifi, Shravan Rathod Lyrics powered by www.musixmatch.com
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