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Dono Hi Mohabbat Ke Full Video Song | Altaf Raja | Best Hindi Romantic Songs | Hindi Album Songs
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Listen to Tum To Thehre Pardesi by Altaf Raja
ALBUMTum To Thehre PardesiAltaf Raja

Credits

PERFORMING ARTISTS
Altaf Raja
Altaf Raja
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Mohammed Shafi Niyazi
Mohammed Shafi Niyazi
Composer
Abbas Dana
Abbas Dana
Songwriter

Lyrics

दोनों ही मोहब्बत के... दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं) (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं) दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं) (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं) दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं वो बर्फ़ पे चलते हैं वो बर्फ़ पे चलते हैं, हम आग पे चलते हैं (वो बर्फ़ पे चलते हैं, हम आग पे चलते हैं) (वो बर्फ़ पे चलते हैं, हम आग पे चलते हैं) एहसास की शिद्दत से कुछ अश्क निकलते हैं (एहसास की शिद्दत से कुछ अश्क निकलते हैं) (एहसास की शिद्दत से कुछ अश्क निकलते हैं) ज़िंदगी है, और दिल-ए-नादान है क्या सफ़र है और क्या सामान है ज़िंदगी है, और दिल-ए-नादान है क्या सफ़र है और क्या सामान है मेरे ग़म को भी समझकर देखिए मुस्कुरा देना बहुत आसान है (एहसास की शिद्दत से कुछ अश्क निकलते हैं) एहसास की शिद्दत से कुछ अश्क निकलते हैं ये बर्फ़ के टुकड़े हैं ये बर्फ़ के टुकड़े हैं, गर्मी से पिघलते हैं (ये बर्फ़ के टुकड़े हैं, गर्मी से पिघलते हैं) (ये बर्फ़ के टुकड़े हैं, गर्मी से पिघलते हैं) एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन (एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन) (एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन) तुम्हारे घर में दरवाज़ा है, लेकिन... तुम्हारे घर में दरवाज़ा है, लेकिन तुम्हें ख़तरे का अंदाज़ा नहीं है तुम्हारे घर में दरवाज़ा है, लेकिन तुम्हें ख़तरे का अंदाज़ा नहीं है हमें ख़तरे का अंदाज़ा है, लेकिन हमारे घर में दरवाज़ा नहीं है (एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन) मेरे ही काम का है, ना दुनिया के काम का मेरे ही काम का है, ना दुनिया के काम का अरे, दिल भी तुम्हें खुदा ने दिया दस gram का (एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन) एक रात ठहर जाएँ हम घर में तेरे, लेकिन छत पर ना सुला देना छत पर ना सुला देना, हम नींद में चलते हैं (छत पर ना सुला देना, हम नींद में चलते हैं) (छत पर ना सुला देना, हम नींद में चलते हैं) चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है (चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है) (चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है) आदमी का है आजकल ये हाल एक सहमी सी चाह हो जैसे आदमी का है आजकल ये हाल एक सहमी सी चाह हो जैसे और लोग यूँ छुप के प्यार करते हैं कि प्यार करना गुनाह हो जैसे (चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है) यूँ तो हँसते हुए लड़कों को भी ग़म होता है यूँ तो हँसते हुए लड़कों को भी ग़म होता है कच्ची उम्रों में मगर तजरुबा कम होता है (चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है) चोरी की मोहब्बत में अक्सर यही होता है दरवाज़े से जाते हैं दरवाज़े से जाते हैं, खिड़की से निकलते हैं (दरवाज़े से जाते हैं, खिड़की से निकलते हैं) (दरवाज़े से जाते हैं, खिड़की से निकलते हैं) जिस दिन से हुई शादी, ये हाल हमारा है (जिस दिन से हुई शादी, ये हाल हमारा है) (जिस दिन से हुई शादी, ये हाल हमारा है) जिस दिन से हुई शादी, ये हाल हमारा है हल्दी से लरज़ते हैं हल्दी से लरज़ते हैं, मेहँदी से दहलते हैं (हल्दी से लरज़ते हैं, मेहँदी से दहलते हैं) (हल्दी से लरज़ते हैं, मेहँदी से दहलते हैं) उम्मीद-ए-वफ़ा रखे क्या उनसे भला कोई (उम्मीद-ए-वफ़ा रखे क्या उनसे भला कोई) (उम्मीद-ए-वफ़ा रखे क्या उनसे भला कोई) ना ज़िक्र कीजिए मेरी अदा के बारे में ना ज़िक्र कीजिए मेरी अदा के बारे में मैं जानता हूँ बहुत कुछ वफ़ा के बारे में ना ज़िक्र कीजिए मेरी अदा के बारे में मैं जानता हूँ बहुत कुछ वफ़ा के बारे में और सुना है वो भी मोहब्बत का शौक़ रखने लगे जिन्हें ख़बर ही नहीं कुछ वफ़ा के बारे में (उम्मीद-ए-वफ़ा रखे क्या उनसे भला कोई) उम्मीद-ए-वफ़ा रखे क्या उनसे भला कोई कपड़ों की तरह दाना... कपड़ों की तरह दाना जो चेहरे बदलते हैं (कपड़ों की तरह दाना जो चेहरे बदलते हैं) (कपड़ों की तरह दाना जो चेहरे बदलते हैं) दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं) वो बर्फ़ पे चलते हैं, हम आग पे चलते हैं (वो बर्फ़ पे चलते हैं, हम आग पे चलते हैं) (दोनों ही मोहब्बत के जज़्बात में जलते हैं)
Writer(s): Abbas Dana, Mohd. Shafi Niyazi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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