Upcoming Concerts for Atif Aslam, Jal & Mithun Sharma
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Lyrics
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाक़ी है
पलकों में बन के आँसू तू चली आती है
जुदा होके भी...
वैसे ज़िंदा हूँ ऐ ज़िंदगी, बिन तेरे मैं
दर्द ही दर्द बाक़ी रहा है सीने में
साँस लेना भर ही यहाँ जीना नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाक़ी है
पलकों में बन के आँसू तू चली आती है
साथ मेरे है तू हर पल शब के अँधेरे में
पास मेरे है तू हर-दम उजले सवेरे में
दिल से धड़कन भुला देना आसाँ नहीं है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
जुदा होके भी तू मुझमें कहीं बाक़ी है
पलकों में बन के आँसू तू चली आती है
अब तो आदत सी है मुझको ऐसे जीने में
ये जो यादें हैं (ये जो यादें हैं), सभी काँटे हैं
हटा दो इन्हें (हटा दो इन्हें), मिटा दो इन्हें
अब तो आदत सी है मुझको...
Writer(s): Sayeed Quadri, Mithun Sharma, Jal Jal
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