Lyrics
मेरे टूटे हुये दिल से, कोई तो आज ये पूछे
के तेरा हाल क्या है
किस्मत तेरी रीत निराली, ओ छलिये को छलनेवाली
फूल खिला तो टूटी डाली
जिसे उल्फ़त समझ बैठा, मेरी नज़रों का धोखा था
किसी की क्या खता है
मांगी मोहब्बत पाई जुदाई, दुनिया मुझ को रास ना आयी
पहले कदम पर ठोकर खाई
सदा आज़ाद रहते थे, हमें मालूम ही क्या था
मोहब्बत क्या बला है
Writer(s): Kalyanji Virji Shah, Qamar Jalalabadi, Anandji V Shah
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