Lyrics

तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है रहूँ मैं चुप क्यूँ? बातूनी मेरी खामोशी है जलते-बुझते हर्फ़ हैं जो होठों पे ये बर्फ क्यूँ हो? इन सवालों का तू ज़वाब है, सुन ज़रा तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है रहूँ मैं चुप क्यूँ? बातूनी मेरी खामोशी है दिल तेरा चकोरे सा भागा क्यूँ है? चाँद बगल में तेरा Hmm, कंधों पे ये ख़्वाब ऐसा लदा क्यूँ है? तकिये पे रख तो ज़रा छुपे हैं जो दिल के सुराग दिखा दूँ तुझे तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है रहूँ मैं चुप क्यूँ? बातूनी मेरी खामोशी है दिल के बिछौने जो थे कोरे-कोरे रंग से खिलने लगे Hmm, ख़्वाब के बगीचे धागा-धागा चुने फुरसत से सिलने लगे कहाँ से ये सीखा? हुनर बता दिल मेरे तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है रहूँ मैं चुप क्यूँ? बातूनी मेरी खामोशी है जलते बुझते हर्फ़ हैं जो होठों पे ये बर्फ क्यूँ हो? इन सवालों का तू ज़वाब है, सुन ज़रा तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है रहूँ मैं चुप क्यूँ? बातूनी मेरी खामोशी है
Writer(s): Anvita Dutt Guptan, Anupam Roy Lyrics powered by www.musixmatch.com
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