Lyrics

करती रहती इंतज़ार तेरा तुझको ना शरम आती है, ना हया आती है ऊपर से इतना है कठोर तुझको बातें ना नरम आती हैं, ना दया आती है दिल से खेलने का है शौक़ बड़ा, कल रात पूरी तू बहुत लड़ा मैं किससे कहूँ कि तू पहले जैसा नहीं? मेरी गलतियाँ तो तू देखे बड़ा, खुद गलतियों पे तू पूरा खड़ा मैं किससे कहूँ कि तू बात सुनता नहीं? कब, कहाँ जाता है, जो बताता नहीं वो भी पता है मैं बस कहती नहीं चेहरा उतरा हुआ, अब हँसाता नहीं, कैसी सज़ा है मैं बस कहती नहीं आखिरी बार कब ठीक से की थी बात इसको पूछो कोई, मानता ही नहीं ऊपर से बनता अंजान जैसे मुझको तो ये जानता ही नहीं झूठ से खेलने का है शौक़ बड़ा, खुद वादियों में तू पहुँच गया मैं किससे कहूँ, तू मेरे साथ चलता नहीं? तुझ पे ज़ोर मेरा अब चलता कहाँ, मुझे डर है कहीं तू छोड़ गया मैं किससे कहूँगी, तू मुझको ही समझता नहीं? कब कुछ कहता नहीं, कब सब कह जाता है, ये भी पता है मैं बस कहती नहीं रिश्ता रूठा हुआ, अब मनाता नहीं, कैसी रज़ा है? मैं बस कहती नहीं Ayy, तुझे कुछ पता तेरे बिना कैसा बीता मेरा पल है? (oh) एक हफ़्ते से तेरी ना ख़बर, बता कहाँ आजकल है? तू मुझको भेज कोई जवाब, मेरा दिल बन जाएगा तू खुद से बात करता नहीं, क्या मेरा phone उठाएगा ओ, तुझको खेलने का है शौक़ बड़ा, मैं ज़ख्म देखूँ, तू कर दे मना सब देख रहे कि तेरा घाव छिपता नहीं तुझ पे ज़ोर मेरा अब चलता कहाँ, मुझे डर है कहीं तू छोड़ गया मैं किससे कहूँगी, तू मुझको ही समझता नहीं? अब बता मुझको ये, अपनी चोटों से भी कोई बचा है? तू बस कहता नहीं दिल है टूटा हुआ, ये तुझे भी पता, मुझको बुला ले खुद सब सहते नहीं कब, कहाँ जाता है, जो बताता नहीं वो भी पता है मैं बस कहती नहीं चेहरा उतरा हुआ, अब हँसाता नहीं, कैसी सज़ा है मैं बस कहती नहीं
Writer(s): Arpan Kumar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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