Lyrics
हम नहीं तेरे दुश्मनों में
हम नहीं तेरे दुश्मनों में
क्यूँ हमको दीवाना बनाया, बनाया?
क्यूँ हमको दीवाना बनाया?
हम तो हैं तेरे दोस्तों में
हम तो हैं तेरे दोस्तों में
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया, चुराया?
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया?
हम कहीं एक दिन यूँ यक-बयक मिल गएँ थे
इश्क़ के, प्यार के मस्ताने गुल खिल गएँ थे
फ़ासलें मिट गएँ, नज़दीक आने लगे हम
बेखुदी यूँ बढ़ी साँसों पे छाने लगे हम
हम नहीं तेरे क़ातिलों में
हम नहीं तेरे क़ातिलों में
क्यूँ ज़ुल्फ़ों में हमको फ़ँसाया, फ़ँसाया?
क्यूँ ज़ुल्फ़ों में हमको फ़ँसाया?
हाँ, हम तो हैं तेरे दोस्तों में
हम तो हैं तेरे दोस्तों में
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया, चुराया?
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया?
ये मेरा दिल गया बस दिल्लगी-दिल्लगी में
भूल के दो जहाँ, डूबा तेरी आशिक़ी में
सोचता हूँ सनम, "इक़रार कैसे करूँ मैं?
प्यार के दर्द का इज़हार कैसे करूँ मैं?"
हम तो हैं तेरी धड़कनों में
हम तो हैं तेरी धड़कनों में
क्यूँ दर्द-ए-जिगर को बढ़ाया, बढ़ाया?
क्यूँ दर्द-ए-जिगर को बढ़ाया?
हम नहीं तेरे दुश्मनों में
हम नहीं तेरे दुश्मनों में
क्यूँ हमको दीवाना बनाया, बनाया?
क्यूँ हमको दीवाना बनाया?
चाहते सब जिसे मैं वो हसीं चाँदनी हूँ
ये तो बस जाने रब किस के लिए मैं बनी हूँ
आरज़ू क्या कहें, समझो ज़रा तुम इशारे
प्यार के खेल में जीते कोई, कोई हारे
हम तो हैं तेरे बाज़ुओं में
हम तो हैं तेरे बाज़ुओं में
क्यूँ इल्ज़ाम हमपे लगाया, लगाया?
क्यूँ इल्ज़ाम हमपे लगाया?
हम नहीं तेरे दुश्मनों में
हम तो हैं तेरे दोस्तों में
क्यूँ हमको दीवाना बनाया, बनाया?
क्यूँ हमको दीवाना बनाया?
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया, चुराया?
क्यूँ तूने मेरा दिल चुराया?
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t)
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